नया विधान बनायेंगे हम नया विधाना बनायेंगे।
नेता, कर कानून बदलकर, भ्रष्टाचार मिटायेंगे।।
मूलभूत अधिकारों का, पूरा-पूरा हो संरक्षण।
जीने का, अभिव्यक्ति और सम्पति का होगा रक्षण।
एक देह है एक संहिता, सबके लिये बनायेंगे।।
श्रम का मूल्य बढ़ेगा इसमें, तब भागेगी बेकारी।
काम मिले हर हाथ को, अपनी ऐसी होगी तैयारी।।
शोषण भ्रष्टाचार मिटाकर, खुशहाली हम लायेंगे।
एक बिन्दु कर का आरोपण, करना है इसमें भाई।
मूल्य नियन्त्रण होने पर ही, घट सकती है मंहगाई।।
सत्ता मिट नही पाये, यह प्रवधान हम लायेंगे।
जुर्म नियन्त्रण की गांरटी, देगी अब सरकार यहां।
अमन चैन हो, पनप न पाये, कोई भ्रष्टाचार यहां।।
एक देश हम एक यहां पर, सबको गले लगायेंगे।
नेता, कर कानून बदलकर, भ्रष्टाचार मिटायेंगे।।
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बहुत ही अच्छा और प्रेरणा स्रोत लेखनी है ! एक गंभीर चिंतन है !